Wednesday, June 03, 2009

आज हम हिन्दी में लिखेंगे। पर मुझे माफ़ करना पड़ेगा, क्यूंकि मेरी हिन्दी काफ़ी बेहूदा है। अब मुझे लगता है की बेहूदा शायद ग़लत शब्द है पर में उससे वैसे ही छोरने वाली हूँ।

अब मज्जे के लिए में भाषण देने वाली हूँ।

भाइयों और बहेनो, हम्मे सब साथ मिलकर रहेना चाहिए। हिंदू, मुसलमान, सिख, इसाही, और हर धर्म के लोग में खून जोह बहेता है वोह एक ही है। यह भाषण बहुत बोरिंग है।

ओके बाय।


1 comment:

Anonymous said...

You always bring a smile to my face.. :D